हिंदी विभाग और संस्कृत विभाग ,पोस्ट ग्रेजुएट गववर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स,सेक्टर -11, चंडीगढ़ की ओर से ‘हिंदी और संस्कृत कहानियों में नैतिक मूल्य ’विषयपर दिनांक 26 .10 .2024 को कक्ष सख्या-210 में 11 से 12 .00 बजे के बीच व्याख्यानका आयोजन किया गया । समारोह के मुख्य वक्ताप्रो. ईश्वर जे. पवार, अध्यक्ष: हिन्दी विभाग एवं निदेशक-पी.जी. स्टडीज एवं रिसर्च सेंटर,सी. टी. बोरा कॉलेज,शिरुर,पुणे और अतिथि प्रो. अशोक कुमार सभरवाल अध्यक्ष:हिन्दी विभाग, ,पंजाब विश्वविद्यालय,चंड़ीगढ़ और प्रो. रेणु त्रिखा मंचासीन थे । सरस्वती वन्दना संस्कृत विभाग की छात्राओं मनवीर कौर,मानसी,तमन्ना और भाव्या शर्मा ने सस्वर प्रस्तुत की । मुख्य वक्ता एवं अतिथि का स्वागत प्रो. रेणु त्रिखा और डा. चंदन लाल गुप्ता ने फूलों का गुलदस्ता देकर किया। डा. मोहन लाल जाट,विभागाध्य्क्ष: हिंदी विभाग ने मुख्य वक्ता,प्राचार्य, उपस्थित संकाय सदस्यों और सभी छात्राओं का अभिनन्दन एवं स्वागत किया। प्रो. ईश्वर जे. पवारने अपने उद्बोधन में हिंदी की ‘एक टोकरी भर मिट्टी,कफन,आंसुओं की होली,चीफ की दावत,अकेली,वापसी’ जैसी सुप्रसिद्ध कहानियों और संस्कृत की ‘कथा सरितसागर,पंचतंत्र,अष्टवक्र,विक्रम बेताल’ आदि ग्रंथों में संग्रहीत नैतिक कहानियों के उदाहरण देते हुए जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्व बताया और कहा कि हमारा नैतिक-चरित्र बल ही हमारी श्रेष्ठ पूंजी है,जिसे हमें संजोकर रखना है और भविष्य की पीढ़ी को हस्तांतरित करना है । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता को ‘मेवाड़ हूँ मैं’पुस्तक भेंट की गई ।
इस अवसर पर डा. अम्बुज शर्मा,डा. चन्दन लाल गुप्ता, डा. कमाल कृष्ण,डा. मीना रानी आदि संकाय सदस्य उपस्थित रहे । कार्यक्रम में 85 विद्यार्थी उपस्थित थे। डा. चन्दन लाल गुप्ता ने अतिथियों,वक्ता,प्राचार्य और सभी श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।